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गुल्ली डंडा का इतिहास, नियम एवं मैदान का संक्षिप्त परिचय

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गुल्ली डंडा का इतिहास, नियम एवं मैदान का संक्षिप्त परिचय

इस खेल के बारे में शहर के बच्चों को पता नहीं होता है, क्योंकि यह खेल अधिकतर गाँवों में खेला जाता है, गांव के लड़के गुल्ली डंडा खेल से भलीभाँति परिचित होते है। गुल्ली डंडा गाँव और क़स्बों का खेल है। यह प्राचीन खेल है।अधिकतर बच्चे इस खेल को पसंद करते हैं। इस खेल को दो या दो से अधिक लोग खेलते हैं और यह काफी फुर्तीला खेल हैं इसे खेलने से शरीर स्वस्थ और बीमारियों से दूर जाता है। इतनी खूबियों के बाद भी गुल्ली डंडा खेल धीरे धीरे विलुप्त होता जा रहा है। इस खेल को खेलने के लिए भारी भरकम रक़म उनके साजो सामान पर खर्च नहीं करने पड़ते। खेलने के लिए छोटी तथा बड़ी दो लकड़ी की आवश्यकता होती है। छोटी लकड़ी जिसकी लंबाई चार से छह इंच के बीच सामान्यतः होती है परंतु इनके दोनों शिरों को थोड़ा नुकीला बनाया जाता है। बड़ी लकड़ी की लंबाई लगभग अठारह इंच के आस पास रहती है। इस खेल में दो दल होता है और खेलने के लिये जैसा पहले बताया गया है कि इस खेल में दो डंडे होते हैं एक बड़ी डंडी और एक छोटी वाली डंडी बड़ी वाली डंडी से छोटी वाली डंडी को मारा जाता है। छोटी वाली डंडी को गिल्ली के नाम से जाना जाता है और बड़ी डंडी को डंडी के नाम से जाना जाता है और छोटी डंडी के दोनों किनारों पर घिसकर नुकीली बनाई जाती है ताकि उसकी नोकीले भाग पर मारने पर वह एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाए। इस खेल को खेलने के लिए बड़ा ग्राउंड चाहिए जो कि शहर में मिल पाना मुमकिन नहीं है इसीलिए गांव के बच्चे इस खेल को अच्छी तरह खेलते हैं क्योंकि वहां ग्राउंड होना काफी संभव होता है और यह खेल कम खर्च वाला खेल है और इस खेल को खेलने में आनंद ही बहुत आता है। भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका, इटली, तुर्की आदि देशों में भी इसे खेला जाता है।

गुल्ली डंडा खेल को कैसे खेले
गुल्ली डंडा खेल को खेलना बहुत ही आसान है और यह खेल आसान के साथ खतरनाक भी है क्योंकि इसमें बड़ा वाला डंडा जो कि हाथ में होता है और छोटा डंडा बेलन कार होती है जिसकी दोनों सिरा नुकीला होता है, इस छोटी वाली डंडी को बड़ी वाली डंडी से मारा जाता है और मारने के बाद छोटी वाली डंडी उछलती है और दूसरी जगह जाकर गिरती है यह देखकर लोग काफी उत्साहित होते हैं और यही इस खेल का अहम हिस्सा है।

गुल्ली डंडा खेल का नियम
यह गुल्ली डंडा खेल काफी आसान है क्योंकि इसमें ज्यादा नियम नहीं होते और नियम होते हैं भी तो कई जगह इसके नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया जाता है। गुल्ली डंडा खेल में दो या दो से अधिक दल होते हैं जिसमें एक या एक से अधिक खिलाड़ी होते हैं। गुल्ली डंडा खेल को खेलने के लिए एक छोटा सा गड्ढा बनाया जाता है क्योंकि उस पर बड़ी वाली डंडा से छोटी वाली डंडा को उड़ाया जा सके।और फिर बड़ी वाली डंडी से गुल्ली जो कि बेलन कार होती है उसके किनारों पर मारा जाता है बीच में नहीं मारा जाता। जब बड़ी डंडी से छोटी गुल्ली को मारा जाता है तो जो दो दलों में एक दल होती है वह गुल्ली को पकड़ने की कोशिश करता है अगर वह पकड़ने में कामयाब हो जाता है तो दूसरी वाली दल को गुल्ली मारने का मौका मिलता है। जब बड़ी डंडी से गुल्ली को मारा जाता है तो उसका समय तीन बार होती है तीन बार में गुल्ली को दूर पहुंचाने का मौका खिलाड़ी को दिया जाता है।

गुल्ली डंडा खेलने में सावधानियां
गुल्ली डंडा खेला जितना मजेदार खेल है उतना ही खतरनाक खेल भी है जिसमें जो छोटी डंडी होती है जिसे गुल्ली कहा जाता है उसे मारने वक्त दूसरे खिलाड़ी के शरीर पर लग जाए या उसके चेहरा पर तो काफी नुकसान होता है तो गुल्ली डंडा खेल खेलते समय ध्यान रखना चाहिए और गुल्ली से अपने शरीर को बचा कर रखना चाहिए।

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